अनन्त अनन्त को,
जानने का प्रयास,
नित्य नये आनन्द से,
आनन्दित
करता जीवन,
अन्तराल पर बार-बार,
कभी-कभी ठहर सा जाता है,
व्यथित करता है,
अनसुलझा पहेली अनन्त का,
कोइ उत्तर नहि,
हर प्रश्न का अनन्त उत्तर,
और फ़िर्,
अनन्त प्रश्न सामने प्रगट हो जाता
है,
सत्य का आभास,
क्षण मे अदृश्य हो जाता है,
सत्य-असत्य,
प्रकाश-अन्धकार,
अच्छा-बुरा,
आदि-आदि के चक्र मे,
समय कि गति रुकती ही नहि,
अनन्त मार्ग,
अनन्त तरीके,
हर छण का प्रयास-अप्रयास,
ज्ञान-विज्ञान-ध्यान-अनुसंधान,
जीवन मृत्यु के बीच सिमित हो जाते है,
मैं,
कौन
हूँ ?
क्या हूँ ?
क्यू हूँ ?
कैसे हूँ ?
कहाँ
हूँ ?
कब हूँ ?
किसने बनाया ?
कौन नष्ट करेगा ?
कुछ पता नहि,
बनते बिगरते,
परिवर्तित होते हुए देखता हूँ,
पर,
प्रतीत होता है,
मैं कुछ नहीं,
स्वतः हि होता है,
स्वतः कैसे होता है,
नहीं जानता,
भीतर देखता हूँ,
बहार देखता हूँ,
कुछ नहि मिलता,
अनन्त अनन्त मे उलझ जाता हूँ,
कुछ से कुछ नहीं,
और,
कुछ नहीं से कुछ,
क्या है ?
ये माया,
जो समझ नहीं आता,
ये जीवन कि यात्रा,
गन्तव्य,
लोग,
जीवन मृत्यु,
अब मृत्यु हि शेष है,
कैसे उस मृत्यु को देखु होश मे ?
क्योंकि,
और कुछ शेष नहीं,
कष्ट और आनन्द का संतुलन,
कैसे बनेगा ?
स्वयं हि जानना होगा,
जान कर क्या करूँगा ?
पता नहीं,
क्योंकि,
मृत्यु को प्राप्त बताएँगे नहीं,
और,
जीवित बता सकते नहीं,
शायद इसीलिए,
उपनिषदों मे कहा गया है,
जो सत्य है,
कहा नहीं जा सकता,
और,
जो कहा जा सकता है,
वो सत्य नहीं,
शायद इसीलिए,
मुक्ति समाधि के सारे उपाय,
बन्धन,
गले का फाँस प्रतीत होता है,
जो और परतंत्र करता है,
स्वतंत्रता एक स्वच्छ बहाव है,
बहते रहना,
स्वयं को समय पर छोर देना,
मैं स्वयं मेरा नृत्य हूँ,
संगीत हूँ,
मौन हूँ,
मैं ही चेतना हूँ,
अनन्त
हूँ,
मैं ही मेरा पहेली हूँ,
मैं
ही मेरे रूपों से,
अनन्त से,
अपरिचित हूँ,
जलते हुए,
बुझते हुए,
स्वयं से स्वयं को प्रगट होते,
अनन्त
से अनन्त मे लीन विलीन,
मौन ......
5 comments:
Finest Hindi & English poetry
Like to read the poetry that describes life & also have fun quotient in it. https://whitecanvasblackmargins.com/ is your hub to get the regular dose of heartwarming poetry. So, subscribe to this blog & enjoy the first rated poetry.
ati sundar
हृदय स्पर्शी भाव लिखते हो
very nice
Very nice poem thanks for sharing
Post a Comment