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Saturday, December 30, 2017

मैं मैं नहीं

चल सकोगे मेरे साथ,
क्यूँकि,
 मैं चलता नहीं,
चलते हुए प्रतीत होता हूँ,
तुम्हारा प्रयास,
तुम्हे रोकता है,
मेरे से दुर करता है,
क्यूँकि,
मैं तो लहरों पे सबार हूँ,
समय की ज्वार पे बैठा,
साक्षी भाव से मुस्कुराता,
तुम्हे देखता हूँ,
तुम्हारे डर को देखता हूँ,
पर मैं कुछ कर नहीं सकता,
क्यूँकि,
मैं इस रोमांच को साझा नहीं कर सकता,
खोया हूँ,
लीन हूँ,
प्रकृति में बिलिन हूँ,
क्यूँकि,
मैं मैं नहीं,
जिसे तुम जानते हो,
मैं तो कोई और हूँ,
जिसकी कोई स्मृति नहीं,