सच की खोज में,
उम्र बीत गयी,
एक पड़ाव पे,
पता चला,
सच तो मिला नहीं,
झूठ के पहाड़ पे,
चलता रहा अब तक,
पीछे मूड के देखा,
कुछ नहीं था,
एक अनुभव,
जो सच है,
अभी है,
जो एक बुलबुला है,
फुट जाता है,
परिस्थिति के बदलते ही,
बदल जाता है,
शब्दों की पहेली में उलझा,
एक शव्द है,
जो अब भी अर्थ ढूंढ़ रहा है,
2 comments:
Bahut sundar kavita
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