सत्य, धर्म, कर्तब्य
पालन,
पुरुष के पुरुषार्थ
से,
समुद्र मंथन और साहस,
अहंकार के त्याग से,
सहज स्वक्ष प्रेम
स्नेह,
भीतर के आवाज(बुद्धि-विवेक)
से,
प्रार्थना आशीर्वाद
और सहयोग,
प्रारव्ध के
स्वीकार्य से,
आप हरपल समृद्ध होते
है,
अक्षय सुख के विपुल
भंडार से,
10 comments:
प्रभावी रचना।
Atiuttam racha.
Atiuttam racha.
Atiuttam rachna
बहुत बढ़िया ।
आध्यात्मिक रचना अच्छी लगी।
मेरी कविताएं पढें .....अब खून भी बहता नहीं, पर जख्म भी बढते गये,
और दर्द शायरी में , उतरता चला गया .........click on http://manishpratapmpsy.blogspot.com
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 08 जुलाई 2017 को लिंक की जाएगी ....
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
सुन्दर।
गागर में सागर। वाह। सुन्दर रचना।
Very Nice Poem
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