परिवर्तन मेरा शौख है,
प्रकृति संग मैं रमता हूँ,
गतिशील मैं रहता हूँ,
सीमाओं के बंधन से,
मुक्त सदा मैं रहता हूँ,
कर्तब्यों का पड़ाव मुझे,
नित नया मुकाम देता है,
हवाओं कि तरह,
डाली-डाली, फुल-फुल, फुन्गिओं के ओर-छोर,
दिशाओं में,
जंगल, पर्वत, नदी, सागर,
चहुँ ओर मैं फिरता हूँ,
पानी कि तरह,
पर्वतों से झरता हूँ,
खेत, मैदान, समुन्दर तक,
बादलों संग झूमता हूँ,
जहाँ मन वहीँ होता हूँ,
आसमान से दूर,
चाँद-सितारों संग खेलता हूँ,
रंगों से लिपटता हूँ,
कविताओं से ओत-प्रोत,
सुन्दरता मैं लीन,
कभी साहित्य,
कभी बिज्ञान,
कभी गणित से उलझता हूँ,
विविध कलाओं, बिधाओं-विद्याओं में,
आध्यात्म कि उजालों में,
परछाई रहित हो जाता हूँ,
परिवर्तन मेरा शौख है,
दुख-सुख में चलता रहता हूँ.
1 comment:
Simply terrific!Awesome line'simao ke bandhan se mukt sda mai rehta hun'.
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